दोस्तों, आज की पोस्ट में हम आपको BPM के बारे में बताने वाले हैं. BPM क्या है, BPM full form in Hindi, BPM ka full form, BPM Meaning in Hindi क्या होता है. आपको बतादें BPM मेडिकल से जुड़ा एक टर्म है. जो की दिल की धड़कन को मापते वक़्त इस्तेमाल किया जाता है. चलिए डिटेल में इसके बारे में जानते हैं.
BPM Full Form in Hindi (बीपीएम का फुल फॉर्म क्या है?)
BPM का फुल फॉर्म “Beats per Minute” होता है. हिंदी भाषा में इसे बीट्स पर मिनट कहते हैं. इसका मतलब धड़कन की संख्या प्रति मिनट होता है. जिंदा रहने के लिए दिल का धड़कना बहुत ज़रूरी है. लेकिन क्या आपको पता है सिर्फ दिल का धड़कना ज़रूरी नहीं है. सही तरीके से धड़कन का चलना ज़रूरी है. चलिए आगे जानते हैं BPM क्या होता है और नार्मल BPM कितना होना चाहिए.
BPM full form in English:- Beats per Minute
BPM full form in Hindi:- बीट्स पर मिनट
BPM क्या होता है? (BPM full form in Medical in Hindi)
BPM को हार्ट रेट भी कहा जाता है. 1 मिनट के अन्दर जितनी बार दिल धड़कता है उस माप को ही BPM कहते हैं. चलिए उदाहरण से समझते हैं, मानलीजिये एक मिनट के अन्दर अगर हमारा दिल 70 बार धड़कता है. तो इस माप को 70 हार्ट रेट या फिर 70 BPM कहा जायेगा.
Normal हार्ट रेट कितना होना चाहिये? (What is Normal BPM)
ये तो आप समझ ही गए होंगे BPM क्या होता है. आपको बतादें नार्मल हार्ट रेट बच्चे और बड़े दोनों में अलग होता है. आपको पता होना जरुरी है नार्मल हार्ट रेट कितना होना चाहिए है और BPM कैसे माप सकते हैं. नार्मल हार्ट रेट 6 से 15 साल के बच्चो में 70-100 के अंदर होना चाहिए. जबके 18 साल से ऊपर वाले लोगो का हार्ट रेट 60-100 के बीच होना बिलकुल नार्मल है.
हार्ट रेट का कनेक्शन हमारी नब्ज़ से होता है. 1 मिनट में जितनी बार दिल धड़कता है उतनी ही बार हमारी नब्ज़ चलती है. अगर हमारी जरा भी तबियत बिगड़ती है. तो उससे हमारे दिल की धड़कन में बदलाव होना शुरू हो जाते हैं. इस बदलाव को इर्रेगुलर पल्स भी कहते हैं. नब्ज़ से दिल की धड़कन का पता लगाया जा सकते हैं. चलिए जानते हैं नब्ज़ यानी की Pulse रेट कैसे चेक करें.
पल्स (Pulse) रेट कैसे चेक करें?
पल्स रेट चेक करने के लिए आप pulse oximeter Machine का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा आप घर पर ही अपनी नब्ज़ से हार्ट रेट का पता लगा सकते हैं. इसके लिए हमने नीचे आपको कुछ स्टेप्स बताये हैं.
- सबसे पहले आप टाइम देखने के लिए अपने पास एक मोबाइल फ़ोन या फिर घड़ी रख लें.
- अब आपको अपनी पहली उंगली यानी की (Index Finger) और मध्यम उंगली (Middle Finger) को अपनी कलाई पर अंगूठे के आधार पर रखना है.
- अब आपको 30 सेकंड में नब्ज़ (Pulse) के बीट को गिनना है.
- आपने जो बीट गिनी उसे दोगुना कर दें. यही संख्या आपका हार्ट रेट यानी की BPM होगा.
BPM की जांच कब करनी चाहिये?
वैसे तो आप BPM की जाँच कभी भी कर सकते हैं. लेकिन आपको कुछ बातो का ध्यान रखना होगा. भाग दोड़, व्यायाम, खेल-कूद या फिर किसी तरह की गतिविधि करते समय हमारे दिल की धड़कन तेज़ होने लगती है. ऐसे में आपको BPM की जांच नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे आपका हार्ट रेट सही तरीके से कैलकुलेट नहीं होगा. आपको आराम करते टाइम BPM की जांच करनी चाहिए.
हार्ट रेट नार्मल रहे उसके लिए क्या करें? (दिल को स्वस्थ रखने के उपाय)
- अच्छा खाना यानी की स्वस्थ आहार लें.
- फल का सेवन करें.
- मन को शांत रखें, किसी भी तरह का स्ट्रेस या फिर टेंशन न लें.
- रोजाना कोई भी शारीरिक गतिविधि करें जैसे की व्यायाम, भाग दौड़ या फिर योग.
- सिगरेट, शराब के सेवन से बचें.
- वज़न को नार्मल रखें. ज्यादा वज़न बढ़ने से दिल की समस्या होने की ज्यादा सम्भावना रहती है.
BPM के अन्य फुल फॉर्म
- Business process management
- Branch Post Master
- Block Program Manager
निष्कर्ष – BPM ka full form
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको BPM kya hai, BPM full form in Hindi, Full form of BPM in Hindi, BPM full form in Medical Post in Hindi क्या होती है, नार्मल हार्ट रेट कितना होना चाहिए, पल्स रेट कैसे चेक करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी दी है. पोस्ट से जुड़ा कोई भी सवाल है या फिर आप कुछ पूछना चाहते है तो कमेंट में जरुर बतायें. पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर करके दुसरे लोगो को भी इसकी जानकारी जरुर दें.
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स्वस्थ रहें, खुश रहें!!!
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