Diwali Katha in Hindi | दिवाली की कथा हिंदी में

दोस्तों, दिवाली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार है. हम सब मिलकर इस त्योहर को बड़ी धूम धाम के साथ मनाते हैं. बहुत से लोगो को दिवाली की कथा के बारे में जानकारी नहीं है. इसलिए हम आपको Diwali Katha in Hindi के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं. 

दिवाली के दिन लक्ष्मी माता का पूजन किया जाता है. लोगो का मानना है लक्ष्मी माता का पूजन करने से घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है और धन की वृधि होती है. लक्ष्मी माता को धन की देवी के नाम से भी जाना जाता है. इसलिए दिवाली वाले दिन हर घर में कथा करवाई जाती है. दिवाली की कथा क्या है. आज आपको इसकी पूरी जानकारी इस लेख में मिलेगी.

Diwali Laxmi Puja Katha in Hindi (दीपावली की कथा हिंदी में)

Diwali Katha in Hindi

दिवाली पर्व देश भर में बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन को जीत का प्रतीक माना जाता है. घर में लक्ष्मी माता और गणेश जी की पूजा करी जाती है जिससे घर में सदेव खुशहाली, समृद्धि बनी रहे. इस दिन लोग घी के दिए जलाते हैं आजकल तो घर को रौशन करने के लिए फैंसी लाइट का ज़माना है. इसलिए लोग रंग बिरंगी लाइट जलाकर अपने घर को जगमगाते हैं. एक दुसरे को उपहार देकर, नए वस्त्र पहनकर इस त्यौहार को अपने परिवार के साथ मनाते  हैं. 

दिवाली की पौराणिक कथा (Diwali Katha/Story)

वैसे तो इस त्यौहार के साथ कई कथाएँ जुड़ी है. दिवाली की कथा और इतिहास क्या है इसके बारे में हमने नीचे बताया है.

दिवाली कथा 1:- भगवान श्री राम के अयोध्या वापस लौटना की कथा (Laxmi Ji Ki Diwali Katha In Hindi Language)

जैसा की आप सबको इस कथा के बारे पता ही होगा. स्कूल और बड़े बुज़ुर्ग हमे दिवाली का त्यौहार मनाने के पीछे इसी कथा और इतिहास के बारे में बताते है. किताबो में भी इसी दिवाली कथा के बारे में बताया जाता है. 14 वर्ष का बनवास काटकर रावन का वध करने के बाद भगवन श्री राम अयोध्या वापस लौटे थे. 

उस दिन अमावस्या का दिन था. जिसकी वजह से अयोध्या वासियों ने घी के दिए जलाकर पूरी अयोध्या को जगमगा दिया था. अमावस्या की काली रात पूरी तरह से जगमगा उठी थी. यह दिन जीत का प्रतीक माना जाने लगा और इस दिन से हर साल दिवाली का त्यौहार मनाया जाने लगा.

दिवाली कथा 2:- लक्ष्मी माता और साहूकार की बेटी की कथा हिंदी में (Diwali Katha Hindi Sahukar) 

एक गाँव में साहूकार और उसकी बेटी रहते थे. साहूकार की बेटी प्रतिदिन एक पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी. जिस पीपल के पेड़ पर साहूकार की बेटी जल चढ़ाती थी. उस पर लक्ष्मी माता का वास था. एक दिन जल चढ़ाते समय लक्ष्मी माता ने साहूकार की बेटी से कहा मैं तुम्हारी मित्र बनना चाहती हूँ क्या तुम मेरी मित्र बनोगी. ऐसे में साहूकार की बेटी ने कहा मैं अपने पिता से पूछकर बताउंगी.

पिता से पूछते समय साहूकार की बेटी ने पूरी बात बताई. साहूकार ने कहा ठीक है तुम मित्र बन सकते हो. अगले दिन साहूकार की बेटी ने लक्ष्मी माता से मित्रता करली. दोनों हंसी ख़ुशी बातचीत करने लगे. कुछ दिन बाद लक्ष्मी माता ने साहूकार की बेटी को अपने घर आमंत्रित किया. घर पहुँचने के बाद लक्ष्मी जी ने साहूकार की बेटी की खूब खातिरदारी की स्वादिष्ट व्यंजन खिलाये. कई उपहार दिए जिससे साहूकार की बेटी खूब खुश हई. जब वह अपने घर जाने लगी तब लक्ष्मी माता ने कहा तुम मुझे कब अपने घर आमंत्रित करोगी. 

ये बात सुनकर वह बहुत निराश हो गयी और अपने घर वापस आ गयी. वास्तव में साहूकार के घर के हालात अच्छे नहीं थे. इसलिए साहूकार की बेटी को चिंता सताने लगी थी कैसे हम लक्ष्मी माता का सत्कार करेंगे. जब साहूकार ने अपनी बेटी को निराश देखा और कारण पूछा तब उसने पूरी बात बताई. तब साहूकार ने कहा हम जैसे हैं वैसे ही लक्ष्मी माता का सत्कार करेंगे. तुम माता को बुलाओ और घर की साफ़ सफाई करके मिट्टी का चौका लगाओ. 

तभी एक चील किसी रानी का नौलखा हार वहां गिरा गयी. साहूकार की बेटी ने हार को बेच कर खूब पकवान बनाये. लक्ष्मी माता और गणेश जी के आने के बाद उन्होंने दोनों की बहुत अच्छे से खातिरदारी की. ये सब देखकर लक्ष्मी माता बहुत प्रसन्न हुई और इसके बाद से साहूकार के पास काफी धन दौलत हो गयी. तबसे ये कथा सुनने के बाद अंत में ये कहा जाता है. हे लक्ष्मी माता जैसे तुम साहूकार की बेटी के घर चौकी पर बैठी और उन्हें धनि किया. वैसे ही धन सबको देना, जो भी जन दिवाली के दिन इस कथा को सुने.

दिवाली की पूजा विधि हिंदी में (Diwali Puja Vidhi In Hindi)

दीपावली पर पूजा करना काफी नहीं है सही ढ़ंग से पूजा करना जरुरी है. जिससे लक्ष्मी माता प्रसन्न हों और घर में सुख, शांति और खुशहाली हमेशा बनी रहे. दिवाली की पूजा विधि क्या है (Diwali Puja Vidhi In Hindi) इसकी पूरी जानकारी और तरीका हमने यहाँ बताया है.

दिवाली वाले दिन पूजा के समय घर में सबसे पहले एक चौकी और सफ़ेद कपड़ा बीचा कर उसपर लक्ष्मी माता, गणेश जी और सरस्वती माता की मूर्ति या फिर चित्र को विराजमान करें. उसके बाद हाथ में जालपत्र से जल लेकर थोड़ा-थोड़ा करके मंत्र पढ़ते हुए मूर्ति या फिर चित्र पर छिडकें. उसके बाद उसी जल से खुद को और अपने पूजा के आसन को जल छिड़क कर पवित्र करें.

ॐ  अपवित्र:पवित्रो व सर्वास्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: वाह्यभंतर: शुचि:॥

इसके बाद प्रथ्वी माँ को नमन करते हुए मंत्र का उच्चारण करें और उनसे प्राथना और क्षमा करते हुए अपने आसन पर बैठ जाएँ.

पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठï: ग ऋषि: सुतलं छंद:कूर्मोदेवता आसने विनियोग:।

ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता।

त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम् पृथिव्यै नम: आधारशक्तये नम:।।

उसके  बाद:- “ॐ केशवाय नम:, ॐ नारायणाय नम:, ॐ माधवाय नम:” कहते हुए गंगाजल का आचमन करें.

अब आपको ध्यान विधि को पूरा करना है. जिसके लिए आपको अपनी आँखे बंद करके मन को शांत रख कर माता को मन ही मन प्रणाम करना है. उसके बाद हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प करना है. पूजा का संकल्प करने के लिए हाथ में चावल, फूल और जल लें. हाथ में एक रूपए का सिक्का या जो भी आपके पास पैसा है उसे भी हाथ में ले लें. 

अब आपको सभी चीजों को हाथ में रख कर ये संकल्प करना है  मैं अमुक व्यक्ति (जो भी आपका नाम है) अमुक स्थान (जिस भी स्थान पर आप पूजा कर रहें हैं) व समय (पूजा का समय) पर माता लक्ष्मी, सरस्वती तथा गणेश जी की पूजा करने जा रहा हूं. जिससे मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हो.

उसके बाद सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें. उसके बाद कलश पूजन करें फिर नवग्रहों का पूजन करें. हाथ में चावल और फूल ले कर नवग्रह स्तोत्र बोलिए. उसके बाद भगवती षोडश मातृकाओं का पूजन किया जाता है. इन सभी के पूजन के बाद 16 मातृकाओं को गंध, चावल व फूल प्रदान करते हुए पूजन करें.

पूरी प्रक्रिया कलावा लेकर गणेश जी, माँ लक्ष्मी व सरस्वती को अर्पण कर, स्वयं के हाथ पर भी बंधवा लें. अब सभी देवी-देवताओं को तिलक लगाकर स्वयं को भी तिलक लगवाएं. इसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा शुरू करें.

दिवाली पूजन सामग्री (Diwali Pujan Samagri List)

दिवाली बहुत बड़ा त्यौहार है और इस दिन पूजा का सही ढ़ंग से होना बहुत जरुरी है. दीपावली पूजा के समय कौनसी सामग्री की जरुरत पड़ती है. इसकी पूरी लिस्ट हमने आपके साथ साझा की है. जिससे आपको पूजा के समय किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़ें. 

  • लक्ष्मी, सरस्वती व गणेश जी की मूर्ति या फिर चित्र
  • रोली
  • कुमकुम
  • चावल
  • पान
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • धूप
  • कपूर
  • अगरबत्तियां
  • मिट्टी तथा तांबे के दीपक
  • रूई
  • कलावा
  • नारियल
  • शहद
  • दही
  • गंगाजल
  • गुड़
  • धनिया
  • फल
  • फूल
  • जौ
  • गेहूं
  • दूर्वा
  • चंदन
  • सिंदूर
  • घृत
  • पंचामृत
  • दूध
  • मेवे
  • खील
  • बताशे
  • गंगाजल
  • यज्ञोपवीत
  • श्वेत वस्त्र
  • इत्र
  • चौकी
  • कलश
  • कमल गट्टे की माला
  • शंख
  • आसन
  • थाली
  • चांदी का सिक्का
  • देवताओं के प्रसाद के लिए मिठाई

ऊपर बताई गयी पूजा सामग्री को आप पूजा के समय घर पर जरुर रखें. जिससे आपकी दिवाली पूजा सही तरीके से पूरी हो सके. इस दिन पूजा को सही ढ़ंग और पूरी श्रद्धा से करने पर माँ लक्ष्मी खुश होती है. यह दिन बहुत ख़ास होता है. इसलिए दिवाली पूजा को सही ढंग और पुरे मन से करें.

निष्कर्ष – Diwali Pooja Katha in Hindi

इस लेख में हमने आपको दीपावली की कथा हिंदी में (Diwali Katha in Hindi), Diwali puja ki katha Hindi me, दिवाली की पूजा विधि, दिवाली पूजन सामग्री इन सबके बारे में जानकारी साझा की है. दिवाली का त्यौहार बहुत बड़ा त्यौहार है इस दिन को बड़ी धूम धाम के साथ मनाना चहिये. जिससे हर घर में खुशहाली और सुख सम्रद्धि बनी रहे.

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स्वस्थ रहें, खुश रहें!!!

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