E Learning Kya Hai – जब से कोरोना महामारी आई है, तब से लगभग हर बच्चे का स्कूल जाना एक प्रकार से बंद ही हो गया है, और छोटे से लेकर बड़े बच्चे आज के समय में घर बैठकर ऑनलाइन ही पढ़ाई कर रहे हैं। ज्यादातर लोग अपना काम भी घरों में बैठकर ऑनलाइन ही कर रहे हैं। घरों से बाहर आज के समय में कोई नहीं जा रहा है।
लेकिन अगर यह करोना महामारी आज से कुछ समय पहले आई होती तो सभी बच्चों की पढ़ाई मानो की रुक ही जाति और उस का कारण था की उस समय पर हमारे पास इंटरनेट की सुविधा नहीं थी, और इस कारण से बच्चों के दो-तीन साल खराब हो जाते। लेकिन ई लर्निंग बच्चों के बहुत ही ज्यादा काम आ रही है, जिस कारण से कि वह घर पर बैठकर भी पढ़ाई कर रहे हैं।
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल के अंदर हम जानेंगे की ई लर्निंग क्या होती है, और ई लर्निंग के क्या फायदे और नुकसान क्या हैं। इन सभी टॉपिक के बारे में आज के इस आर्टिकल के अंदर हम ए टू जेड जानकारी देने की कोशिश करेंगे, ताकि आपको ई लर्निंग के बारे में पूरी जानकारी हो सके और अगर आपको इसकी कहीं पर भी जरूरत पड़े तो यह जानकारी आपको काम आ सके। तो चलिए बढ़ते हैं आज के हमारे आर्टिकल की तरफ आपका ज्यादा समय न लेते हुए।
E Learning Kya Hai? (What is E learning in Hindi)
अगर हम आपको आसान भाषा में समझाने की कोशिश करें कि ई लर्निंग क्या है, तो ई लर्निंग का मतलब है कि किसी भी विषय के बारे में घर बैठकर या फिर कहीं पर भी बैठकर ऑनलाइन जानकारी हासिल करना यह लर्निंग कहलाता है। जैसे कि आज के समय में करोना काल चल रहा है, और करोना काल के कारण ही सभी बच्चों के स्कूल बंद हैं, और उन बच्चों की ऑनलाइन क्लास लगती है, तो कहा जाए तो वह बच्चे एक प्रकार से ई लर्निंग ही करते हैं। तो इसे पढ़कर आपको समझ आ गया होगा कि ई लर्निंग क्या होती है।
ई लर्निंग शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1999 में किया गया था, लेकिन उस समय पर लोगों को इसके बारे में इसलिए ज्यादा पता नहीं चल पाया क्योंकि उस टाइम इंटरनेट की कमी थी। इतना इंटरनेट नहीं था कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन जानकारी हासिल कर सके। लेकिन आज के समय में यह बच्चों के लिए बहुत ही कारगर साबित हुई है, क्योंकि करोना काल के कारण सभी स्टूडेंट के कॉलेज और स्कूल बंद है, और वे ई लर्निंग के कारण ही आज अपनी पढ़ाई कर पा रहे हैं।
ई लर्निंग का सबसे बड़ा फायदा आज के समय में स्टूडेंट को ही हुआ है, क्योंकि अगर कुछ समय तक उनके स्कूल बंद रहते और उनकी पढ़ाई नहीं हो पाती तो वह पीछे की की हुई पूरी पढ़ाई भूल जाते, जिस कारण से उन्हें बहुत ही ज्यादा प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता। लेकिन ई लर्निंग के कारण उनकी शिक्षा जारी रही और अब उन्हें किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इ-लर्निंग के प्रकार (Types of e-learning in Hindi)
ऊपर का पॉइंट पढ़कर आपको समझ आ गया होगा कि ई लर्निंग आखिर होती क्या है। तो ई लर्निंग के बारे में जानने के बाद आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि यह ई लर्निंग आखिर कितने प्रकार की होती है, तो चलिए मैं आपको बताती हूं कि ई लर्निंग कितने प्रकार की होती है।
दोस्तों ई लर्निंग मुख्यतः दो प्रकार की होती है, तो चलिए देख लेते हैं कि वे दो प्रकार कौन-कौन से हैं और उनके बारे में थोड़ी डिटेल से भी चर्चा कर लेते हैं।
1. सिंक्रोनस ई-लर्निंग (Synchronous E-Learning)
सिंक्रोनस को अगर हम आसान भाषा में समझने की कोशिश करें तो इसका मतलब होता है, कि लाइव क्लास लगाना। अगर आप की ऑनलाइन क्लास लग रही है, तो ऐसी बहुत सी एप्लीकेशन है जिनके अंदर लाइव क्लासेज लगती है, यानी कि टीचर और स्टूडेंट इस प्रकार से क्लास लगा सकते हैं, जैसे कि आप रियल में क्लास रूम में ही है। आप टीचर से कोई भी सवाल पूछ सकते हैं, और टीचर आपका उसी टाइम जवाब भी दे सकता हैं, तो इसी प्रक्रिया को सिंक्रोनस ई लर्निंग कहा जाता है।
Synchronous ई लर्निंग को एसिंक्रोनस से अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस ई लर्निंग के अंदर एक रियल क्लासरूम जैसा माहौल बन जाता है। जिसकी वजह से विद्यार्थी को पढ़ने में आसानी होती है, इस ई लर्निंग के अंदर एक रियल क्लासरूम जैसा माहौल इसलिए बन जाता है, क्योंकि सभी स्टूडेंट की एक साथ ऑनलाइन क्लास लगती है। और एक बड़ी स्क्रीन पर टीचर आपको जिस तरह से क्लासरूम में ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाता है, उसी प्रकार से ऑनलाइन भी पढ़ाएगा। जिस कारण से आपको इस क्लास के अंदर लाइव सभी चीजें समझने को मिलेगी और आप उसी समय अपना सवाल पूछ सकते हैं, और जवाब आपको उसी समय पर दे दिया जाता है।
सिंक्रोनस ई लर्निंग के अंदर आप लाइव क्लास के अंदर चैट कर सकते हैं, और चैट के साथ आपकी वीडियो कॉल भी होती है, और ऑडियो भी आपको सुनाई देती है। अगर आपका कोई सवाल है, तो आप चैट के द्वारा भी पूछ सकते हैं या फिर ऑडियो, वीडियो के द्वारा भी पूछ सकते हैं।
2. एसिंक्रोनस ई-लर्निंग (Asynchronous E-Learning)
एसिंक्रोनस ई लर्निंग का मतलब होता है कि सेल्फ स्टडी यानी आपको इस तरीके के अंदर खुद से ही ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ती है। इस तरीके के अंदर आप ऑनलाइन इंटरनेट से किसी भी प्रकार की वीडियो या फिर वेबसाइट के द्वारा पढ़ाई कर सकते हैं, और सीख सकते हैं। इसके अंदर वन वे मेथड होता है, यानी आप को अकेले ही इसके अंदर पढ़ना पड़ता है, आपको इसके अंदर कोई भी दूसरा सहायता नहीं करता है।
यह मेथड ज्यादातर उन लोगों के लिए होता है जो कि किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे होते हैं, और वह भी किसी कोचिंग में नहीं जाकर बल्कि घर बैठकर अपनी तैयारी कर रहे हैं। तो यह मेथड उन लोगों के लिए काम में आता है, लेकिन जो भी कॉलेज स्टूडेंट है या फिर स्कूल के स्टूडेंट है, उन लोगों के लिए ऊपर वाला मेथड यूज में लिया जाता है लाइव क्लास वाला।
एसिंक्रोनस ई लर्निंग से अगर आप पढ़ना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ऑनलाइन बहुत से कोर्स देखने को मिल जाएंगे या फिर आपको कोई वेबसाइट मिल जाएगी जो स्टडी कि है। जिस पर आपको स्टडी से रिलेटेड नोट्स मिलते हैं, या फिर आप यूट्यूब वीडियो या अन्य वीडियो के जरिए किसी भी अपने डाउट को क्लियर कर सकते हैं।
E-learning का Concept क्या है?
ई लर्निंग कांसेप्ट आज से बहुत टाइम पहले ही दे दिया गया था, लेकिन उस टाइम लोगो ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन जिस प्रकार लोगो को इस की जरूर पड़ी तो अब लोग इस कॉन्सेप्ट पर ज्यादा ध्यान देने लगें हैं, और यह कांसेप्ट उन स्टूडेंट के लिए वरदान साबित हो सकता है जिन को पढ़ाई करने के लिए आपने घरों से दूर जाना पड़ता है।
जब तक बच्चे ऑफलाइन क्लास रूम में जाकर पढ़ाई करते थे तो उन्हें पढ़ाई करना बहुत ही बोरिंग लगता था। छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने से डरते थे, क्योंकि उन्हें वहां पर ब्लैक बोर्ड पर पढ़ने में डर लगता था और दिक्कत होती थी। लेकिन उसी जगह अगर हम ई लर्निंग की बात करें तो ई लर्निंग को आज के समय में हर बच्चा बड़े ही चाव के साथ कर रहा है। छोटे से छोटा बच्चा अपने घर पर बैठकर ऑनलाइन क्लास लगाता है और अच्छे से पढ़ाई करता है।
ई लर्निंग करते वक्त सभी बच्चे अपना ध्यान एक जगह पर केंद्रित रखते हैं, जिसकी वजह से टीचर जो भी उनको पढ़ातें हैं वह उन्हें अच्छे से समझ में आ जाता है। लेकिन क्लास रूम में पढ़ाई करते वक्त बच्चे इधर उधर देखने लग जाते हैं, या फिर एक दूसरे से बात करने लग जाते हैं, जिस कारण से उनकी पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पाती। लेकिन जो बच्चा ई लर्निंग का कांसेप्ट अपना लेता है, उसे अपनी पढ़ाई करने में कोई दिक्कत नहीं आती।
ई-लर्निंग से पढ़ाई के लिए क्या चाहिए?
अगर आप घर पर बैठ कर ईलर्निंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी सामान की जरूरत पड़ेगी। अगर आपके पास नीचे दिया हुआ सामान उपलब्ध है, तो आप बड़ी ही आसानी से यह लर्निंग कर पाएंगे और आपको ई लर्निंग करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। अगर आपके पास यह सामान उपलब्ध नहीं है तो पहले आप को इस सामान को लेना होगा और उसके बाद आप भी E-learning को बड़ी आसानी से कर पाएंगे।
- अगर आप ईलर्निंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास लैपटॉप, कंप्यूटर या फिर स्मार्टफोन में से कोई एक गेजेट होना जरूरी है, क्योंकि इनके बगैर आप ई लर्निंग नहीं कर पाएंगे।
- आपके पास अगर इन तीनों में से कोई भी एक चीज उपलब्ध है, तो इसके अंदर एक अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की भी सुविधा होनी चाहिए जिसकी मदद से आप ई लर्निंग कर पाएंगे।
- और अगर आप इन गैजेट्स को खरीद लेते हैं, तो उसके बाद आपको इन्हें चलाना भी आना चाहिए क्योंकि अगर आपको इन्हें चलाना नहीं आएगा, तो आपको ई लर्निंग करने में दिक्कत हो सकती है।
अगर आप ई लर्निंग करना चाहते हैं, तो पहले इनमें से किसी एक सामान को खरीद लें, और खरीदने के बाद इन्हें अच्छे से चलाना सीख ले। जब आपको इन्हें चलाना आ जाए तो उसके बाद आप घर बैठ कर ई लर्निंग बड़ी ही आसानी से कर पाएंगे।
E-Learning के Advantages और Disadvantages
आज के समय में हम किसी भी चीज की बात करते हैं तो उससे हमें लाभ भी होते हैं और नुकसान भी होते हैं। तो इसी प्रकार अगर हम ई लर्निंग की बात करें तो इससे हमें कुछ तो लाभ होते हैं और कुछ नुकसान होते हैं। तो चलिए दोस्तों देख लेते हैं कि हमें ई लर्निंग से क्या नुकसान होते हैं और क्या फायदे होते हैं।
इ-लर्निंग के फायदे (Advantage of E-learning)
तो चलिए सबसे पहले हम ई लर्निंग के फायदे की बात कर लेते हैं, कि अगर हम ई लर्निंग को अपनाते हैं, तो इससे हमें क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। और किस प्रकार से हो सकते हैं, तो चलिए बड़ते हैं हमारे पहले पॉइंट की तरफ।
- ई लर्निंग के अगर हम सबसे बड़े फायदे की बात करें तो इसका सबसे बड़ा फायदा यही है, कि चाहे कुछ भी हो जाए बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकेगी। वह तो ऑनलाइन होती रहेगी अगर उदाहरण के तौर पर देखें तो आज के समय में करोना काल चल रहा है, लेकिन बच्चे स्कूल नहीं जाते फिर भी उनकी पढ़ाई रेगुलर हो रही है।
- कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो कि स्कूल जाकर पढ़ाई करने में सक्षम नहीं होते। तो उन बच्चों के लिए ई लर्निंग का ऑप्शन बहुत ही बढ़िया है, क्योंकि वह क्लासरूम जैसी पढ़ाई अपने घर पर बैठकर कर सकते हैं।
- अगर आपको कहीं बाहर जाना पड़ जाए तो भी आप किसी भी जगह से अपनी क्लास लगा सकते हैं, और अपनी क्लास को जारी रख सकते हैं। क्योंकि इसके अंदर तो सिर्फ हमें इंटरनेट की आवश्यकता होती है, बाकी हम चाहे कहीं पर जाकर क्लास लगा सकते हैं।
- अगर हम ऑफलाइन क्लास की बात करें तो वहां पर बच्चों को कुछ बातें इसलिए समझ नहीं आती क्योंकि वह सिर्फ ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाते हैं। लेकिन वहीं पर अगर हम ई लर्निंग की बात करें तो इसके अंदर टीचर आज के समय में यूज होने वाले गेजेट्स के जरिए 3D इफेक्ट वाले डायग्राम बनाकर बच्चों को एक-एक चीज अच्छे से समझाते हैं, और हर एक कांसेप्ट को क्लियर करते हैं।
- आप अगर ई लर्निंग कर रहे हैं, और मान लीजिए आपकी कोई भी क्लास छूट जाती है, क्योंकि कई बार हमे कोई जरूरी काम हो जाता है जिस कारण से हमारी क्लास मिस हो जाती है। तो आप उस क्लास को रिकॉर्ड करके बाद में कभी भी देख सकते हैं, जब आपको टाइम मिले।
- अगर आपके पास पहले से कोई भी गैजेट उपलब्ध है तो, ऑनलाइन पढ़ाई में यानी कि ई लर्निंग में खर्चा भी कम आता है । क्योंकि ई लर्निंग में आपको सिर्फ अपने घर पर बैठकर ही पढ़ाई करनी पड़ती है, आपको बाहर कहीं नहीं जाना पड़ता।
इ-लर्निंग के नुकसान – Disadvantage of E-learning
तो दोस्तों यह तो आपने देख लिया कि ई लर्निंग से हमें क्या-क्या फायदे होते हैं, तो चलिए अब देख लेते हैं कि हमें आखिर ई लर्निंग से नुकसान क्या होते हैं। तो चलिए बढ़ते हैं हमारे पहले पॉइंट की तरफ।
- जो बच्चे शरारती होते हैं और क्लास रूम में पढ़ाई को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं होते हैं, इन बच्चों को ई लर्निंग का सबसे बड़ा नुकसान होता है। क्योंकि ई लर्निंग के अंदर टीचर और स्टूडेंट का इतना कनेक्शन नहीं हो पाता जितना की क्लास रूम के अंदर होता है।
- ई लर्निंग को सिर्फ वही बच्चे कर सकते हैं, जो बच्चे पढ़ाई के प्रति सीरियस होते हैं। बाकी जो बच्चे ऑफलाइन क्लास के अंदर भी ध्यान नहीं देते वह आखिर ऑनलाइन के अंदर क्या पढ़ लेंगे, तो इसलिए उनको ई लर्निंग का नुकसान हो सकता है।
- कई बार ऐसा होता है कि कुछ टॉपिक हमें समझ में नहीं आते और टीचर उन्हें अच्छे से समझाने के लिए हमें कुछ प्रेक्टिकल करके दिखाते हैं। लेकिन यह ई लर्निंग के अंदर संभव नहीं है यह तो सिर्फ ऑफलाइन ही संभव है जो कि आमने-सामने बैठकर हो सकता है।
- ई लर्निंग के सबसे बड़े नुकसान की बात करें तो इसका खर्चा बहुत है, क्योंकि ई लर्निंग के अंदर पढ़ने के लिए हर एक स्टूडेंट के पास लैपटॉप, कंप्यूटर या फिर स्मार्टफोन होना जरूरी है। जो कि कुछ गरीब परिवार के बच्चे नहीं ले पाते, तो उन स्टूडेंट को इससे बहुत बड़ा नुकसान होता है।
दोस्तों ई लर्निंग के अंदर इतनी सारी चुनौतियां हैं फिर भी आज के समय में ई लर्निंग को बहुत ही बढ़ावा दिया जा रहा है। ई लर्निंग को सिर्फ भारत के अंदर ही नहीं बाकी अन्य देशों के अंदर भी बढ़ावा दिया जा रहा है, हर एक देश के अंदर ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। क्योंकि इससे ज्यादा तर हमें फायदे ही होते हैं, लेकिन इससे आपको मैंने बताया कुछ नुकसान भी होते हैं।
E-Learning ऑनलाइन कहाँ से सीखे (Best online learning resources)
ऊपर के आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको ई लर्निंग के बारे में काफी जानकारी मिल गई होगी। लेकिन आपके दिमाग में एक सवाल अब भी उठ रहा है, कि हम ई लर्निंग कहां से सीख सकते हैं। तो चलिए मैं आपको बताती हूं कि आप ई लर्निंग कहां से कर सकते हैं।
- 1. एप्लीकेशन के जरिए।
अगर आप ईलर्निंग करना चाहते हैं और यह चाहते हैं कि आप जो भी पढ़ें वह लाइव क्लास के जरिए पढ़ें। तो आपके लिए सबसे बेस्ट जरिया एप्लीकेशन का है। आपको ऐसी बहुत सी एप्लीकेशन देखने को मिल जाएगी जिसके द्वारा आप लाइव क्लासेज लगा सकते हैं और ई लर्निंग कर सकते हैं।
जैसे :- Zoom, Google meet
- 2. वेबसाइट के जरिए।
अगर आप घर बैठकर ई लर्निंग करना चाहते हैं तो आप वेबसाइट के जरिए भी ई लर्निंग कर सकते हैं। इंटरनेट पर आपको ऐसी लाखों वेबसाइटे मिल जाएंगी जिनके जरिए आप घर बैठकर अपनी पढ़ाई को जारी रख सकते हैं। आप जिस भी विषय के बारे में जानना चाहते हैं, उस विषय की पूरी जानकारी आपको वेबसाइटों पर मिल जाएगी।
- 3. यूट्यूब वीडियो के जरिए।
आज के टाइम में अगर घर बैठ कर ई लर्निंग की बात की जाए तो सबसे बड़ा प्लेटफार्म यूट्यूब को ही माना जा रहा है। क्योंकि ज्यादातर बच्चे आज के समय में यूट्यूब के जरिए ही अपनी पढ़ाई को कंटिन्यू कर रहे हैं, और यूट्यूब पर आपको वीडियो के जरिए हर एक क्लास देखने को मिल जाएगी। जिस भी सब्जेक्ट में डाउट हो वह डाउट क्लियर हो पाएंगे और आप यूट्यूब के जरिए बहुत ही बढ़िया तरीके से घर बैठकर ई लर्निंग कर पाएंगे।
E Learning से जुड़े FAQS
A. E-Learning ऑनलाइन पढ़ाई करने को कहा जाता है। ई लर्निंग के बहुत से लाभ हैं जैसे की आराम से घर बैठ कर पढ़ाई करना, क्लास मिस हो जाने पर रिकॉर्ड की हुई विडियो देख लेना इत्यादि।
A. E-Learning के लिए इन्टरनेट पर बहुत से प्लेटफार्म मौजूद हैं, जैसे की YouTube, Google, App इसके अलावा आप किसी Online Education platform से भी ई लर्निंग कर सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों, इस पोस्ट में मैंने आपको इ-लर्निंग क्या है, E learning in Hindi, ई लर्निंग के फायदे और नुकसान क्या हैं (Advantages and disadvantages of e learning), ई लर्निंग कहाँ से करें इसकी पूरी जानकारी शेयर की है। E-Learning से जुड़ा आपका कोई भी सवाल है तो आप कमेंट में पूछ सकते हैं।
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